तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल महिला को ग्रामीण साढ़े तीन किमी.पैदल जंगल के रास्ते सड़क तक ले गए और सुबह अस्पताल लेकर पहुंचे। ग्राम प्रधान हंसी पलड़िया का कहना है कि अगर गांव तक सड़क होती तो घायल महिला को समय से अस्पताल पहुंचाया जा सकता था और उसकी जान बच सकती थी। सड़क नहीं होने के चलते पूर्व में भी अस्पताल ले जाने में देरी के चलते गांव में एक नवजात और एक घायल की जान जा चुकी है। उन्होंने प्रशासन से मोरा गांव तक जल्द से जल्द सड़क पहुंचाने की मांग की है।
Maharashtra: बाबा सिद्दीकी का मोबाइल नंबर एक्टिव करने की कोशिश
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का मोबाइल नंबर एक्टिव करने की कोशिश का मामला सामने आया है। बेटी अर्शिया सिद्दीकी की शिकायत पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की।मुंबई पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दिल्ली के बुराड़ी से विवेक...