काशी भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जिसे बनारस और वाराणसी के नामों से भी जाना जाता है। इसकी गणना दुनिया के सबसे पुराने बसे शहरों में भी की जाती है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो काशी देवों के देव महादेव की नगरी है और इस शहर को भगवान शिव द्वारा स्थापित माना गया है।
कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु शिव नगरी यानी काशी में हो, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती हैं। इस दौरान यहां के मणिकर्णिका घाट को लेकर भी कई मान्यताएं प्रचलित हैं।
बता दें, काशी के मणिकर्णिका घाट को मोक्षदायिनी घाट कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर शव का अंतिम संस्कार करने से उस व्यक्ति को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती हैं। परंतु इस घाट पर इन चार लोगों के शव को जलाने की मनाही होती हैं। आइए इसके पीछे की वजह के बारे में जानते हैं