पाकिस्तान अब ऐसी मिसाइलें विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो अमेरिका तक मार कर सकें। अमेरिकी पत्रिका फॉरेन अफेयर्स की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) तकनीक विकसित करने के प्रयास में जुटा है और इसमें उसे चीन का सहयोग मिल रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की इस गतिविधि ने अमेरिका को भी सतर्क कर दिया है, क्योंकि ICBM तकनीक बहुत सीमित और संवेदनशील मानी जाती है।
वर्तमान में केवल कुछ ही देशों के पास ICBM तकनीक मौजूद है, जिनमें अमेरिका, रूस और चीन प्रमुख हैं। यह मिसाइलें हज़ारों किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती हैं। अगर पाकिस्तान इस तकनीक को हासिल कर लेता है, तो वह भी उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिनके पास महाद्वीपों के पार मार करने वाली मिसाइलें हैं।
चीन और पाकिस्तान के रक्षा संबंध पहले से ही काफी मजबूत हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि चीन पाकिस्तान को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है, जिससे वह इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर सके। वहीं, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इस विकास को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं।
पाकिस्तान के इस कदम से दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन बदल सकता है और भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ सकती है। यह साफ है कि यदि पाकिस्तान ICBM तकनीक विकसित कर लेता है, तो इससे वैश्विक शक्ति संतुलन पर बड़ा असर पड़ सकता है।