अंबाला में एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की 12 मई को प्रस्तावित बैठक में सरकार की पहली शर्त यह होनी चाहिए कि पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की।
तो वही शांडिल्य ने अपने बयान में स्पष्ट कहा जब तक इन दरिंदों के कटे हुए सिर भारतीय जनता नहीं देख लेती, तब तक देश का हृदय शांत नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, शहीदों की शहादत का बदला लिए बिना भारत को कोई मरहम नहीं लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि भारत अब हर शहीद की कुर्बानी का हिसाब लेगा। पहलगाम हमले में शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल के उन शब्दों को भी याद किया जो उन्होंने शांडिल्य से कहे थे कि मैं दरिंदे आतंकियों को जिंदगी की भीख मांगते हुए देखना चाहती हूं।