भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अपने लखनऊ स्थित परिवार से सैटेलाइट के माध्यम से संवाद किया। यह पल बेहद भावुक और रोमांच से भरा था। बातचीत के दौरान उन्होंने स्पेस स्टेशन का दृश्य दिखाया, जिसमें वहां से दिखाई देने वाला सूर्योदय भी शामिल था। परिवार के सदस्य और शुभांशु, दोनों ही इस अनुभव से काफी उत्साहित नजर आए।
शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष में पहले तीन दिन उनके लिए थोड़े चुनौतीपूर्ण रहे। उन्हें सिर में भारीपन और असहजता महसूस हुई, जो वहां के अलग गुरुत्वाकर्षण और माहौल की वजह से था। हालांकि, अब वह खुद को पूरी तरह से वहां के वातावरण के अनुकूल बना चुके हैं।
उन्होंने यह भी साझा किया कि अंतरिक्ष में नींद लेना एक अलग ही अनुभव है। वे खुद को बांधकर सोते हैं, कभी छत से तो कभी दीवार से चिपककर। वहां गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण वे जिस जगह सोते हैं, जागने पर खुद को किसी और स्थान पर पाते हैं।
शुभांशु ने बताया कि उन्हें जो वैज्ञानिक टारगेट और मिशन सौंपा गया है, वह तय समय सीमा के भीतर पूरा हो जाएगा। उनका आत्मविश्वास और समर्पण यह दर्शाता है कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है। परिवार से बात कर उन्होंने मानसिक रूप से भी मजबूती महसूस की और देशवासियों के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं।