भारत में तुलसी का पौधा न केवल एक साधारण पौधा है, बल्कि इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। लगभग हर हिंदू परिवार में तुलसी का पौधा अवश्य होता है, जिसे शुभता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है और कहा गया है कि जहां तुलसी होती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं।
प्रतिदिन तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है, धन-धान्य में वृद्धि होती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार, सभी शुभ कार्यों में तुलसी दल का उपयोग आवश्यक होता है। यह भी कहा गया है कि बिना तुलसी के कोई भी धार्मिक अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। तीज-त्योहारों पर देवी-देवताओं के भोग में तुलसी पत्र अर्पित करना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है, इसलिए विशेषकर एकादशी जैसे व्रतों में इसकी विशेष पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से तुलसी माता की उपासना करते हैं और उनके 108 नामों का जाप करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। इस साधना के प्रभाव से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी संभव हो सकती है। तुलसी पूजा न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने का एक माध्यम भी है।