राजधानी की सड़कों पर चल रही निजी टैक्सी सेवाएं जैसे ओला, ऊबर और रैपिडो, उपभोक्ताओं से तय किराए से अधिक वसूली कर रही हैं। अब बिना एडवांस टिप दिए टैक्सी आना मुश्किल हो गया है। एप में बुकिंग के बाद टैक्सी गूगल मैप पर आसपास घूमती नजर आती है, लेकिन पिकअप पॉइंट पर नहीं पहुंचती। जैसे ही एडवांस टिप (20 से 60 रुपये) दी जाती है, टैक्सी तुरंत आ जाती है।
रात के समय या बारिश के दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है। टैक्सी ड्राइवर किराए को लेकर मोलभाव करने लगते हैं और एप पर दिखाए गए किराए से ज्यादा पैसे की मांग करते हैं। यदि यात्री अतिरिक्त राशि देने से इनकार करता है तो ड्राइवर बुकिंग रद्द कर देता है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और उन्हें मजबूरी में अधिक किराया चुकाकर यात्रा करनी पड़ती है।
यह समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि इसकी शिकायत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) में भी की गई है। एक उदाहरण के तौर पर, भास्कर के रिपोर्टर ने मौदहापारा से पंडरी जाने के लिए रात को टैक्सी बुक की। टैक्सी लगातार आसपास घूमती रही और आने का नाम नहीं ले रही थी। कुछ देर बाद एप पर एडवांस टिप का विकल्प आया, जिसमें 20, 30, 40, 50 और 60 रुपये की टिप देने का ऑप्शन था। जब रिपोर्टर ने 20 रुपये की टिप दी, तब टैक्सी केवल दो मिनट में आ गई। यह व्यवहार उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है और जिम्मेदार एजेंसियों को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।