गुरु पूर्णिमा हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, और इस बार यह पर्व 10 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। यह दिन गुरु, देवी-देवताओं और ज्ञान के प्रतीकों की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर गुरु का पूजन, मंत्रों का जप और दान करना विशेष फलदायी होता है। इससे जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का संचार होता है।
इस बार की गुरु पूर्णिमा ज्योतिष दृष्टि से भी काफी खास मानी जा रही है। वर्तमान में सूर्य (ग्रहों के राजा) और बृहस्पति (ज्ञान और धर्म के प्रतीक) दोनों मिथुन राशि में स्थित हैं। इन दोनों ग्रहों की युति से गुरु आदित्य राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो अत्यंत शुभ योग माना जाता है। यह योग शिक्षा, करियर और आध्यात्मिक उन्नति के लिए लाभकारी होता है।
इसके अलावा, इस वर्ष गुरु पूर्णिमा गुरुवार को पड़ रही है, जो स्वयं बृहस्पति देव का दिन माना जाता है। इस प्रकार, दिन और तिथि का यह विशेष संयोग इसे और भी प्रभावशाली बना देता है। ऐसे में यह पर्व कुछ विशेष राशियों के जातकों के लिए करियर में उन्नति, व्यापार में लाभ और प्रतिष्ठा में वृद्धि का अवसर लेकर आ सकता है।
इस शुभ अवसर पर श्रद्धा और समर्पण के साथ गुरुजनों का पूजन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी कार्यों में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।