ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है| विश्व अब दो गुटों में बंट चुका है| एक जो ईरान को समर्थन दे रहा है जैसे कई इस्लामिक देश, लेबनान में हिज़्बुल्लाह,यमन में हौथी विद्रोही और कुछ ऐसे देश जो खुलकर अभी सामने इनके समर्थन में नहीं आए हैं लेकिन कभी भी आ सकते हैं| वहीं दूसरी तरफ इजराइल के पक्ष में अमेरिका और कई पश्चिमी देश |

अमेरिका ने इस युद्ध में कूदकर अपनी ताकत का नुमाइना पेश कर दिया है|अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संयंत्र पर सैन्य हमले कर दिए हैं| वे तीन परमाणु संयंत्र हैं फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान| साथ ही फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया जिससे काफी नुकसान हुआ| अब इस हमले के बाद ईरान पूरे गुस्से में दिख रहा है|वैश्विक नेताओं ने इस हमले पर अपनी चिंता जताते हुए आलोचना की| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले पर चिंता जताते हुए अपने ‘X’ पर पोस्ट में लिखा है कि, “मैं आज ईरान के खिलाफ अमेरिका द्वारा किए गए बल प्रयोग से बहुत चिंतित हूं। यह पहले से ही संकटग्रस्त क्षेत्र में एक खतरनाक वृद्धि है – और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कूटनीति है। एकमात्र उम्मीद शांति है।”
तो वहीं इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम को “ऐतिहासिक क्षण” बताया।