बाल श्रमिक आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह मंगलवार को औरंगाबाद दौरे पर पहुंचे। उन्होंने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की और बाल श्रम पर चल रही कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक के बाद उन्होंने जानकारी दी कि 18 जुलाई को पटना के ज्ञान भवन में एक बड़ा रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें करीब 6000 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि बाल श्रम एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ राज्य के सभी जिलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है। श्रम विभाग थाना पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्थान स्कूल में होना चाहिए, न कि काम की जगहों पर। बच्चों को शिक्षा से जोड़ना ही सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार गरीबों को हर जरूरी सुविधा दे रही है। मुफ्त आवास, अनाज, बिजली-पानी, साइकिल, पोशाक, भोजन और सस्ती दवाइयों की व्यवस्था की गई है। स्कूलों में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना भी चल रही है ताकि वे पढ़ाई से जुड़ सकें।
इसके बावजूद कई मजदूर वर्ग के बच्चे, खासकर ईंट भट्ठों और अन्य काम की जगहों पर अब भी काम कर रहे हैं। उपाध्यक्ष ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों से मजदूरी न कराएं और उन्हें स्कूल भेजें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके। जागरूकता और सहयोग से ही बाल श्रम पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है।