जुलाई महीने की शुरुआत ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद खास मानी जा रही है। इसका मुख्य कारण देवगुरु बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना है। वर्तमान में बृहस्पति मिथुन राशि में स्थित हैं और 9 जुलाई 2025 को रात 10 बजकर 50 मिनट पर उनका उदय इसी राशि में होगा। यह ज्योतिषीय घटना न केवल 12 राशियों पर बल्कि देश-दुनिया पर भी गहरा प्रभाव डालेगी।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नवग्रहों में बृहस्पति को विशेष और शुभ ग्रह माना जाता है। उन्हें ज्ञान, धन, शिक्षा, धर्म और वैवाहिक जीवन का कारक ग्रह माना गया है। गुरु के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और उन्नति के अवसर बढ़ते हैं। कुंडली में बृहस्पति की मजबूत स्थिति व्यक्ति को करियर में सफलता, वैवाहिक सुख और सम्मान प्रदान करती है।
गुरु एक राशि में लगभग 13 महीने तक रहते हैं और फिर गोचर करते हैं, लेकिन उनका उदय होना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि गोचर। उदय होते ही गुरु की ऊर्जा और प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं। यह समय धार्मिक कार्यों, शिक्षा से जुड़े फैसलों, और आर्थिक योजनाओं के लिए शुभ माना जाता है।
9 जुलाई को होने वाला यह परिवर्तन कई राशियों के लिए सौभाग्य लेकर आएगा, वहीं कुछ राशियों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इसका असर राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं पर भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय बेहद निर्णायक माना जा रहा है।