केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर टीम RCB की IPL ट्रॉफी जीतने की खुशी में जश्न मनाने के लिए इकठ्ठे हुए लाखों की तादाद में फैंस के बीच भगदड़ के लिए RCB टीम को ही जिम्मेदार ठहराया है| ट्रिब्यूनल ने सोशल मीडिया पर अचानक पोस्ट किए गए आमंत्रण को आधार बनाकर RCB को बेंगलुरु भगदड़ (stampede) के लिए prima facie ज़िम्मेदार (पहली नज़र में दोषी) ठहराया है।
📝 ट्रिब्यूनल (CAT) की प्रमुख टिप्पणियाँ:
- घटना: 4 जून 2025 को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 3–5 लाख की भारी भीड़ जमा हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और क़रीब 50–75 लोग घायल हुए|
- CAT का फैसला: “prima facie RCB ज़िम्मेदार है” क्योंकि उन्होंने पुलिस से अनुमति लिए बिना सोशल मीडिया पर अचानक विजय जुलूस और फैन-इवेंट का ऐलान किया |
- समय की किल्लत: CAT ने कहा पुलिस को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला—केवल लगभग 12 घंटे, और “पुलिस इंसान हैं— कोई जादूगर या अलादीन का चिराग नहीं” ।
- अनुमति की कमी: RCB ने औपचारिक रूप से पुलिस की अनुमति नहीं ली—केवल सूचना दी थी—जिसे ट्रिब्यूनल ने “नियामक नियमों का उल्लंघन” माना।

🏛️ सरकार की दलील (कर्नाटक सरकार)
- Karnataka राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा कि RCB के ट्वीट्स और सोशल मीडिया पर विजय रैली की घोषणा ने भीड़ को आकर्षित किया और इसलिए यह “RCB की सोशल मीडिया गतिविधियों का नतीजा” है।
- आरोप है कि RCB ने “मुफ्त पास” की घोषणा भी की, जिससे बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए ।
📌 निष्कर्ष
- CAT की स्थिति: ट्रिब्यूनल ने इसे “prima facie” (प्रारंभिक रूप से) दोषी पाया है; हालांकि यह अंतिम सौपना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में है।
- कानूनी पृष्ठभूमि: यह CAT का आदेश है, कोर्ट ऑफ अपील में चुनौती दी जा सकती है।
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