भारत सहित दुनिया के कई देशों में मई और जून के दौरान कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी आई थी। भारत में 22 मई को जहां कुल सक्रिय मामले सिर्फ 257 थे, वहीं यह आंकड़ा 15 जून तक बढ़कर 7400 तक पहुंच गया। इस तेजी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन जून के दूसरे पखवाड़े से मामलों में धीरे-धीरे गिरावट देखने को मिल रही है।
30 जून तक देश में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1902 रह गई है। यह गिरावट राहत की खबर है, क्योंकि इसका मतलब है कि संक्रमण की रफ्तार अब काबू में है। सबसे अच्छी बात यह है कि बीते 24 घंटे में संक्रमण से कोई मौत नहीं हुई, जो महामारी के खिलाफ जंग में एक सकारात्मक संकेत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की लहरें भले ही धीमी पड़ रही हों, लेकिन यह वायरस अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसलिए इससे पूरी तरह बेपरवाह नहीं हुआ जा सकता। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और कोरोना से जुड़ी सावधानियों को न छोड़ने की सलाह दी है।
कुल मिलाकर, भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता अभी भी जरूरी है। संक्रमण की हालिया वृद्धि ने यह साबित किया है कि वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है और थोड़ी सी लापरवाही दोबारा स्थिति बिगाड़ सकती है।