प्रेम और शिल्पकला की मिसाल ताजमहल एक बार फिर चर्चा में है—इस बार इसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि इसकी देखरेख पर सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, आगरा स्थित ताजमहल के मुख्य गुंबद से पानी टपकने की घटना सामने आई है, जो न केवल चिंताजनक है बल्कि हैरान करने वाली भी है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह रिसाव ताजमहल की 73 मीटर ऊंची संरचना, यानी मुख्य गुंबद से हो रहा है—निचले हिस्से से नहीं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतनी ऊंचाई तक पानी पहुंचा कैसे और अब वहां से रिसाव क्यों हो रहा है?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को जब इस संबंध में जानकारी मिली तो उनकी टीम ने तुरंत स्थल का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पता चला कि गुंबद के ऊपरी हिस्से में पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे गुंबद की संरचना को खतरा हो सकता है।
ASI द्वारा कराई गई थर्मल स्कैनिंग से पता चला कि गुंबद की सतह पर पानी जमा हो रहा है और वहीं से टपकने लगा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके पीछे तीन संभावित कारण हो सकते हैं:
- गुंबद की परतों में दरार या छेद
- मरम्मत के दौरान हुई तकनीकी चूक
- मौसम में बदलाव के चलते संरचना पर पड़ा असर
ASI ने गुंबद पर लगी परतों की जांच के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया है। इसके बाद विशेषज्ञों की एक टीम इस पर विस्तार से काम करेगी। प्रारंभिक अनुमान है कि गुंबद की मरम्मत और संरक्षण में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।
इस घटना ने एक बार फिर स्मारकों के रखरखाव की स्थिति पर बहस छेड़ दी है। ताजमहल जैसी धरोहरों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो, इसके लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।