हर हफ्ते हम एक ऐसी गुड हैबिट यानी अच्छी आदत के बारे में बात करते हैं, जो दिखने में छोटी लगती है लेकिन उसका प्रभाव बहुत गहरा होता है। इस सप्ताह हम बात कर रहे हैं “सुनने की आदत” के बारे में। यह एक ऐसी आदत है जो हर किसी की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है।
सुनना सिर्फ कानों से शब्दों को ग्रहण करना नहीं होता। असली सुनना तब होता है जब आप पूरी तरह से ध्यान लगाकर, बिना किसी जल्दबाजी के सामने वाले की बात समझने की कोशिश करते हैं। बहुत बार हम बातचीत के दौरान सिर्फ जवाब देने के लिए सुनते हैं, न कि समझने के लिए। लेकिन अगर हम वास्तव में सुनने लगें, तो हमारे रिश्ते बेहतर हो सकते हैं, ग़लतफहमियाँ दूर हो सकती हैं और हम मानसिक रूप से ज़्यादा शांत और समझदार बन सकते हैं।
सुनने की यह आदत आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में मददगार साबित होती है। जब आप किसी को ध्यान से सुनते हैं, तो वह व्यक्ति सम्मानित महसूस करता है और आपके साथ बेहतर जुड़ाव महसूस करता है। यही आदत ऑफिस में टीमवर्क बेहतर बनाती है और घर में रिश्तों में मिठास घोलती है।
इस आदत को अपनाने के लिए सबसे पहले अपने भीतर धैर्य विकसित करें। बातचीत के दौरान बीच में टोकने से बचें, आंखों में आंखें डालकर बात सुनें और पूरी बात समझने के बाद ही प्रतिक्रिया दें। यह आदत धीरे-धीरे आपके व्यवहार का हिस्सा बन जाएगी और आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाएगी।