आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी और अस्वस्थ जीवनशैली के चलते महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस विषय पर साल 2023 में दुनिया के पहले आयुर्वेद आधारित फेमटेक ब्रांड ‘गाइनोवेदा’ ने एक विस्तृत सर्वे किया। इस सर्वे में भारत की 18 से 45 वर्ष की उम्र की 3 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इसका उद्देश्य महिलाओं की मासिक धर्म से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं की वास्तविक स्थिति को समझना था।
सर्वे के नतीजों में यह बात सामने आई कि लगभग 70% महिलाएं पीरियड्स के दौरान किसी न किसी प्रकार की समस्या का सामना करती हैं। इन समस्याओं में अनियमित पीरियड्स, अत्यधिक या बहुत कम रक्तस्राव, और असहनीय दर्द जैसी स्थितियाँ प्रमुख हैं। यह आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि भारत में एक बड़ी महिला आबादी इस स्वास्थ्य समस्या से प्रभावित है।
यह स्थिति न केवल जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि लंबे समय तक नजरअंदाज किए जाने पर गंभीर स्वास्थ्य खतरे भी उत्पन्न कर सकती है। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद और आधुनिक जीवनशैली में कुछ सुधार लाकर इन समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। जैसे कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और मानसिक तनाव को कम करना, महिलाओं की मेंस्ट्रुअल हेल्थ को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इस दिशा में जागरूकता और सही मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।