राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच अब फोरेंसिक रिपोर्ट पर केंद्रित हो गई है। शिलॉन्ग पुलिस का मानना है कि उनके पास आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, लेकिन जांच की पुष्टि के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट बेहद अहम है। पुलिस के अनुसार, विशाल की खून से सनी शर्ट, सोनम का रेनकोट और हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार जांच के मुख्य सबूत हैं, जिनकी फोरेंसिक पुष्टि से केस और मजबूत होगा।
इस मामले में बुधवार को शिलॉन्ग पुलिस ने इंदौर से तीन महत्वपूर्ण व्यक्तियों को हिरासत में लिया और उन्हें शिलॉन्ग ले गई। ये तीनों हैं—कॉन्ट्रैक्टर शिलोम जेम्स, चौकीदार बलवीर अहिरवार और बिल्डिंग मालिक लोकेंद्र तोमर। शिलॉन्ग की अदालत ने तीनों को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस अवधि में पुलिस इनसे गहन पूछताछ करेगी।
पुलिस इन आरोपियों का आमना-सामना मुख्य संदिग्धों विशाल, सोनम और राज से भी कराएगी, ताकि घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़ा जा सके और सच्चाई सामने लाई जा सके। पूछताछ के दौरान इन तीनों से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि हत्या में उनकी क्या भूमिका थी, उन्हें क्या जानकारी थी, और हत्या के पीछे की साजिश में उनकी भागीदारी कितनी थी। फिलहाल, पुलिस की नजर फोरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी है, जो आने वाले दिनों में केस की दिशा तय कर सकती है।