बीजापुर जिले के 78 स्कूलों में दो दशकों बाद नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हुई, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगी है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन स्कूलों में पहली बार शिक्षक पहुंचे हैं, जो पहले नक्सलवाद के कारण बंद पड़े थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया, क्योंकि अब जिले में एक भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। इस कदम से आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने शिक्षकों की सुरक्षा और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। जिला प्रशासन ने स्कूलों में बिजली, पानी और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं करने का वादा किया है। यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार को बढ़ावा देगी।