अंबिकापुर में जीएसटी विभाग की लगातार छापेमारी ने व्यापारी समुदाय को आक्रोशित कर दिया है। गुरुवार को लक्ष्मी ट्रेडर्स पर छह महीने में पांचवीं बार जीएसटी छापेमारी होने से गुस्साए व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
व्यापारियों ने “हम व्यापारी हैं, चोर नहीं” के नारे लगाते हुए जीएसटी विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बिना ठोस सबूत के बार-बार छापे मारे जा रहे हैं, जिससे कारोबार प्रभावित हो रहा है और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है। अंबिकापुर व्यापारी संघ ने इसे “अधिकारियों की मनमानी” करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने रिंग रोड पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्थानीय व्यापारी नेता राजेश अग्रवाल ने कहा, “जीएसटी नियमों का पालन हम सभी करते हैं, लेकिन बार-बार छापेमारी से कारोबारी माहौल खराब हो रहा है।” कुछ व्यापारियों ने आरोप लगाया कि छापेमारी के पीछे राजनीतिक दबाव भी हो सकता है। इस बीच, जीएसटी विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि छापेमारी टैक्स चोरी की शिकायतों के आधार पर की गई थी और सभी कार्रवाइयां नियमों के तहत हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विवाद अब राजनीतिक रंग ले रहा है, क्योंकि विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस नेता अनिल सिंह ने कहा, “व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इस घटना ने अंबिकापुर में तनाव बढ़ा दिया है, और व्यापारी संगठन अब जिला प्रशासन से मुलाकात की योजना बना रहे हैं। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और मामले की जांच का आश्वासन दिया है।