जमशेदपुर के मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड पर जलजमाव एक दर्दनाक हादसे का कारण बन गया। इस हादसे में एक गरीब सिक्योरिटी गार्ड, संजय वर्मा की जान चली गई। संजय वर्मा एक जिम्मेदार परिवार पुरुष थे और बाढ़ जैसी विकट परिस्थिति में भी उन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी।
घटना उस समय की है जब इलाके में भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया था। संजय वर्मा ने पहले अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, ताकि वे बाढ़ से सुरक्षित रहें। इसके बाद वे अपनी ड्यूटी पर चले गए। रात को ड्यूटी से लौटते वक्त जब वे सड़क पार कर रहे थे, तब सड़कों पर गहरा जलजमाव था, जिससे जमीन की स्थिति का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हो गया था।
अंधेरे और पानी की वजह से संजय को यह समझ नहीं आया कि वे जिस रास्ते से जा रहे हैं, वहां एक खुला नाला है। जलभराव के कारण नाले की पहचान नहीं हो सकी और वे उसी में गिर गए। यह हादसा इतना गंभीर था कि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह बुनियादी सुविधाओं की कमी लोगों की जान पर बन आती है। संजय वर्मा की मौत ने उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है और समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कब तक लोग ऐसे हादसों का शिकार होते रहेंगे। अब जरूरी है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।