राजस्थान हाईकोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक कोचिंग रेगुलेशन एक्ट लागू क्यों नहीं किया है, जबकि इसकी आवश्यकता काफी पहले से महसूस की जा रही थी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति चन्द्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने यह आदेश एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने कहा कि जब तक राज्य सरकार कोचिंग रेगुलेशन एक्ट लागू नहीं करती, तब तक केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) के तहत दोषी पाए जाने वाले संस्थानों और व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि कोचिंग सेंटर छात्रों पर मानसिक दबाव क्यों बना रहे हैं? क्या छात्रों को पर्याप्त मानसिक सहायता और मार्गदर्शन मिल रहा है? कोर्ट ने कोचिंग सेंटर संचालकों से पूछा कि वे छात्र हितों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
राजस्थान में विशेष रूप से कोटा जैसे शहरों में छात्र आत्महत्याओं की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है। ऐसे में कोर्ट का यह सख्त रुख सरकार और कोचिंग संस्थानों दोनों के लिए चेतावनी है। कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।