अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड को सुरक्षा बलों ने एक खास तकनीक की मदद से मार गिराया। इस आतंकी की पहचान अबू हुरैरा के रूप में हुई है, जो लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय कमांडर था। उसे पकड़ने और मार गिराने में एक चीनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अहम कड़ी साबित हुई।
दरअसल, यह डिवाइस आतंकी की गतिविधियों को ट्रैक कर रही थी और उसके सिग्नल्स के ज़रिए सुरक्षा एजेंसियों को उसकी लोकेशन का पता चला। बारिश से बचने के लिए अबू हुरैरा और उसके साथियों ने जंगल में टेंट लगाया था। इसी टेंट से उसके ठिकाने का खुलासा हुआ। ड्रोन से की गई निगरानी में टेंट को देखा गया, जो सुरक्षा एजेंसियों को शक की वजह बना।
इसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। कुछ घंटों की घेराबंदी के बाद मुठभेड़ में अबू हुरैरा को मार गिराया गया। उसके साथ एक और आतंकी भी मारा गया।
खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि ये आतंकी किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे, खासकर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की कोशिश में थे। ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और संचार उपकरण बरामद हुए।
यह ऑपरेशन एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है क्योंकि इससे न केवल एक खतरनाक आतंकी का अंत हुआ, बल्कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया गया।