रूस के पूर्वी अमूर क्षेत्र में एक एंटोनोव An‑24 विमान, जिसे (सीबेरिया आधारित) द्वारा संचालित किया जा रहा था, 24 जुलाई 2025 को खाबरोवस्क/ब्लागोवेशचेंस्क से टिंडा की ओर उड़ान भर रहा था। यह मार्ग चीन की सीमा के बेहद करीब है। विमान टिंडा पहुँचने से पहले दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश कर रहा था जब अचानक रडार स्क्रीन्स से गायब हो गया ।
स्थानीय प्राथमिक जानकारी के अनुसार, विमान में यात्रियों की संख्या 43, जिसमें 5 बच्चे शामिल थे, और 6 क्रू सदस्य थे । कुछ स्रोतों ने यह संख्या 49 बताई, जबकि इमरजेंसी मिनिस्ट्री ने इसे 40–48 तक बताया ।
दुर्घटना के तुरंत बाद Rossaviatsiya का Mi‑8 हेलीकॉप्टर मलबा तलाशते हुए लगभग 15–16 किमी फासले पर एक पर्वतीय ढलान पर विमान का जलता हुआ फ्यूजलेज देख पाया । रेस्क्यू टीमों ने पहुँचने की कोशिश की, लेकिन प्रारंभिक हवाई निरीक्षण में किसी भी जीवित व्यक्ति का पता नहीं लगा ।
अरंभिक आंकलन में मौसम की खराब दृश्यता के कारण पायलट की गलती को मुख्य कारण माना जा रहा है । यह विमान करीब 50 वर्ष पुराना (निर्मित 1976) दिया गया है, और उसे लेनदेन विस्तार मिला था क्योंकि नया विमान ‘लडोगा’ अभी नियमित रूप से नहीं आया है ।
रूस के अमूर राज्यपाल वासिली ओरलोव ने Telegram पर बताया कि सभी आवश्यक बचाव संसाधन तैनात किए गए, जबकि आपातकालीन मंत्रालय ने रेस्क्यू ऑपरेशन को समन्वित करने की पुष्टि की । इसके अतिरिक्त, एक संघीय जांच आयोग भी स्थापित किया गया है ताकि दुर्घटना की गहन जांच की जा सके ।
इस हादसे ने दूरदराज इलाकों में पुराने विमानों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि ऐसे क्षेत्र उच्च जोखिम वाले मौसम और अपर्याप्त बुनियादी संरचना से प्रभावित होते हैं ।
दुखद रूप से, सभी अनुमानित 49 लोग, जिसमें छह क्रू सदस्य और पांच बच्चे शामिल थे, इस दुर्घटना के समय विमान में सवार थे। किसी भी जीवित बचे व्यक्ति के संकेत नहीं मिले हैं, और सरकार ने पूरी जांच का आदेश दे दिया है ।