सुप्रीम कोर्ट में आज एक अहम याचिका पर सुनवाई होने जा रही है। यह याचिका जस्टिस यशवंत वर्मा द्वारा दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट और उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई न्यायपालिका की पारदर्शिता और आंतरिक जांच प्रक्रिया को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
दरअसल, एक इन-हाउस जांच कमेटी ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच की थी। रिपोर्ट में उन्हें दोषी ठहराया गया है, विशेष रूप से उनके घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में। इसी रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की गई थी। हालांकि, जस्टिस वर्मा का कहना है कि जांच प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं थी और उनके पक्ष को सही तरीके से नहीं सुना गया।
याचिका में यह भी दलील दी गई है कि इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट और सिफारिशें कानूनी रूप से चुनौती देने योग्य हैं, क्योंकि इस प्रक्रिया में संविधान के अनुच्छेद 124(4) और न्यायिक नैतिकता के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है।
अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या इस मामले की न्यायिक समीक्षा संभव है और क्या इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट को रद्द किया जा सकता है। इस सुनवाई का असर न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और न्यायाधीशों की जवाबदेही को लेकर भविष्य की नीतियों पर भी पड़ सकता है। कोर्ट के फैसले पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है।