कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने ईरान पर हुए इजराइली हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने यह बयान द हिंदू अखबार में लिखे एक लेख के माध्यम से दिया। सोनिया गांधी ने अपने लेख में इजराइल की नीति को दोहरा मापदंड बताते हुए कहा कि एक ओर तो इजराइल खुद परमाणु शक्ति संपन्न देश है, जबकि दूसरी ओर वह ईरान पर हमला कर रहा है, जो अब तक परमाणु हथियार रखता भी नहीं है। यह रवैया पूरी तरह से अनुचित और असंतुलित है।
सोनिया गांधी ने भारत सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ईरान भारत का पुराना और विश्वसनीय मित्र रहा है। ऐसे में जब ईरान पर हमले हो रहे हैं और गाजा में मानवता का विनाश हो रहा है, तो भारत जैसे लोकतांत्रिक और नैतिक जिम्मेदारी वाले देश को चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को स्पष्ट, जिम्मेदार और मजबूत आवाज में इस संकट पर अपनी बात रखनी चाहिए।
गांधी का मानना है कि भारत की भूमिका केवल एक तटस्थ दर्शक की नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे एक वैश्विक नेता की तरह अपने रुख को दुनिया के सामने रखना चाहिए। उन्होंने लिखा कि अब भी देर नहीं हुई है, और भारत को सही समय पर सही पक्ष में खड़ा होना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी नैतिक साख बनी रहे।