उत्तराखंड वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 6 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कॉर्बेट नेशनल पार्क की जंगल सफारी पर गए थे। इस दौरान वे जिस जिप्सी में सवार थे, उसकी फिटनेस पिछले पांच सालों से नहीं कराई गई थी। वन विभाग की रिकॉर्ड के अनुसार, इस वाहन की आखिरी बार फिटनेस वर्ष 2019 में कराई गई थी। इसके बाद से उसकी स्थिति की कोई समीक्षा नहीं की गई, जो न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा से भी समझौता माना जा रहा है।
इस गंभीर लापरवाही पर कॉर्बेट पार्क प्रशासन के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) समीर सिन्हा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी घटना को गंभीर मानते हुए संपूर्ण प्रकरण की गहराई से जांच कराने की बात कही है।
इस पूरे मामले की जांच वन्यजीव प्रतिपालक रंजन मिश्रा को सौंपी गई है। शुरुआती जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। अब यह देखा जा रहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका क्या रही और किस स्तर पर चूक हुई।
इस घटना ने न सिर्फ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर भी सरकार को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।