झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख नेता शिबू सोरेन का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से झारखंड और देश भर में शोक की लहर फैल गई है।
शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम रांची लाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन के लिए उन्हें झारखंड विधानसभा में रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोनों ने सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
शिबू सोरेन झारखंड के आदिवासी आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हैं। उन्होंने झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में मंत्री पद भी संभाला। उन्हें ‘गुरुजी’ के नाम से जाना जाता था और वे झारखंडी अस्मिता के प्रतीक माने जाते थे।
उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों में शोक की लहर है। उनके बेटे और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पिता के निधन पर गहरा दुख जताया है और कहा कि यह सिर्फ उनका निजी नुकसान नहीं बल्कि पूरे राज्य की अपूरणीय क्षति है।