उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की शैक्षणिक डिग्री को लेकर दाखिल याचिका पर आज, 7 जुलाई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला आ सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मौर्य ने फर्जी डिग्री के आधार पर अब तक पांच चुनाव लड़े हैं। इतना ही नहीं, कौशांबी जिले में उन्होंने इसी डिग्री के सहारे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से एक पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया।
यह याचिका पूर्व भाजपा नेता और आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने दायर की है। दो साल पहले हाईकोर्ट ने इस याचिका को निरस्त कर दिया था और कहा था कि इसमें कोई तथ्य नहीं है और आरोप निराधार हैं। इसके बाद त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां से उन्हें राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला खारिज करते हुए निर्देश दिया कि याचिका पर दोबारा विचार किया जाए।
इस आदेश के बाद त्रिपाठी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिसे हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल 2025 को स्वीकार कर लिया। इसके बाद मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रमेश चंद्र द्विवेदी ने पक्ष रखा। वहीं, यूपी सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और शासकीय अधिवक्ता ए.के. संड ने जवाब दिया।
सुनवाई पूरी होने के बाद 23 मई 2025 को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब यह मामला अंतिम चरण में पहुंच चुका है और आज हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है, जिससे यूपी की सियासत में हलचल मच सकती है।