जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल ने एक और चिकित्सा की उपलब्धि हासिल की है। यहां अप्लास्टिक एनीमिया से जूझ रही एक महिला का सफलतापूर्वक बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया। यह राज्य के सरकारी क्षेत्र में अपनी तरह का एक महत्वपूर्ण मामला है, जिससे न केवल मरीज को नया जीवन मिला है, बल्कि यह चिकित्सा जगत के लिए एक प्रेरणा भी बन गया है।
महिला पिछले कई महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रही थी और उसे नियमित रूप से खून चढ़ाना पड़ता था। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसे अप्लास्टिक एनीमिया है — यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर का बोन मैरो (अस्थिमज्जा) पर्याप्त मात्रा में ब्लड सेल्स नहीं बना पाता। इस बीमारी का एकमात्र स्थायी इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही होता है।
एसएमएस अस्पताल की अनुभवी टीम ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को अंजाम दिया। पहले मरीज को कीमोथेरेपी दी गई ताकि उसके शरीर की अस्थिमज्जा नष्ट हो सके और फिर डोनर से प्राप्त स्वस्थ बोन मैरो को प्रत्यारोपित किया गया। इस प्रक्रिया के बाद मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार देखा गया और अब वह स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ रही है।
इस सफलता से यह साबित होता है कि अब राजस्थान में भी जटिल बीमारियों का इलाज उच्च स्तर पर संभव है और मरीजों को दिल्ली या अन्य महानगरों का रुख करने की आवश्यकता नहीं है। एसएमएस अस्पताल की इस उपलब्धि की पूरे चिकित्सा समुदाय में सराहना हो रही है।