पटना के दियारा इलाके में इन दिनों गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। खासकर उन शिक्षकों की, जो रोज़ नाव के सहारे उफनती गंगा पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं। करीब 350 शिक्षक जान जोखिम में डालकर दानापुर के नासरीगंज फक्कड़ महतो घाट से नाव द्वारा गंगा पार करते हैं। पहले यहां पीपा पुल था, लेकिन पानी बढ़ने के कारण वह हटा दिया गया है, जिससे अब नाव ही एकमात्र साधन बचा है।
इस इलाके के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने 100 से अधिक स्कूलों में तैनात किया है। इनमें से अधिकतर स्कूल गंगा के उस पार दियारा क्षेत्र में हैं। बारिश और गंगा के तेज बहाव के बीच रोज नाव से स्कूल जाना किसी चुनौती से कम नहीं है। कई बार तेज़ हवा और लहरों के कारण नाव पलटने का भी खतरा बना रहता है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए शिक्षक रोज़ जोखिम उठा रहे हैं।
स्थानीय शिक्षक बताते हैं कि कभी-कभी एक नाव में 15 से 20 लोग बैठ जाते हैं, जिससे संतुलन बनाए रखना मुश्किल होता है। इसके बावजूद वे समय पर स्कूल पहुंचने की कोशिश करते हैं। शिक्षकों ने प्रशासन से नाव सेवा को सुरक्षित और नियमित करने की मांग की है, ताकि बच्चों की पढ़ाई भी सुचारु रूप से चलती रहे और उनकी जान को भी खतरा न हो।
यह स्थिति न सिर्फ शिक्षकों के समर्पण को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को भी उजागर करती है।