राजस्थान में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां 72 लोग नकली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी शिक्षक बन गए। इस मामले का खुलासा होते ही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने सख्त कार्रवाई करते हुए इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि इन सभी ने नौकरी पाने के लिए फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी दस्तावेजों का उपयोग किया था। इन दस्तावेजों की जांच के दौरान SOG को गड़बड़ियों का पता चला, जिसके बाद जांच और तेज कर दी गई। जांच में स्पष्ट हुआ कि इन सभी व्यक्तियों ने जानबूझकर नकली दस्तावेजों के माध्यम से सरकार को गुमराह किया और शिक्षक पद हासिल किया।
SOG ने संबंधित विभागों से इन शिक्षकों की सेवा संबंधी जानकारी और दस्तावेजों की मूल प्रतियां मंगवाई हैं। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन शामिल था और क्या किसी सरकारी कर्मचारी की इसमें भूमिका थी।
फिलहाल सभी 72 शिक्षकों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यदि जांच में आरोप साबित होते हैं, तो इन पर नौकरी से बर्खास्तगी के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है।
राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में दस्तावेजों की जांच के निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।