नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध चंडी मंदिर से संबंधित एक विवाद में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन अस्थायी रूप से बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने का निर्णय लिया है। यह आदेश तब आया जब मंदिर के चढ़ावे में चोरी की शिकायत सामने आई।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी शामिल हुए।
मामले में एक महिला, रीना बिष्ट, ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए उसे अग्रिम जमानत प्रदान की और सुरक्षा देने के निर्देश भी जारी किए।
रीना बिष्ट पर आरोप है कि उसने चंडी मंदिर के तत्कालीन महंत रोहित गिरी से करीबी संबंध बनाकर आर्थिक लाभ लिया। शिकायतकर्ता के अनुसार, रोहित गिरी ने बताया था कि रीना पहले से दो विवाह कर चुकी है और दोनों असफल रहे। उसने रीना की दयनीय स्थिति देखकर उसे सहायता दी और घर पर शरण दी।
बाद में शिकायतकर्ता को एक डायरी मिली, जिसमें रोहित गिरी की हैंडराइटिंग में रीना बिष्ट के नाम 5.5 लाख रुपये की एफडी बनाने की बात लिखी थी। इसी के आधार पर रीना पर मंदिर के धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर की व्यवस्था बीकेटीसी को सौंपी और जांच जारी रहने तक यह व्यवस्था लागू रहने के निर्देश दिए हैं।