पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड में जल्द से जल्द पेसा कानून लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन की अवधारणा को साकार करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, यानी पेसा कानून बनाया गया था। देश के 10 राज्यों में यह कानून लागू है, जिनमें झारखंड भी एक है, लेकिन यहां अब तक यह प्रभावी नहीं हो सका है।
रघुवर दास ने अपने पत्र में लिखा कि 2014 से 2019 तक झारखंड में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार थी और उस दौरान उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री रहते हुए पेसा कानून लागू करने की दिशा में प्रयास शुरू किए थे। वर्ष 2018 में उन्होंने इस कानून की नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत उन्होंने 14 विभागों से सुझाव (मंतव्य) मांगे थे और नियमावली के प्रारूप पर चर्चा हो रही थी।
उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि पेसा कानून से आदिवासी समाज को अपने संसाधनों पर अधिकार मिलेगा और गांवों में स्वशासन की भावना मजबूत होगी। इस कानून से ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार मिलेंगे और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी। रघुवर दास ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जनहित और आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए इस कानून को शीघ्र लागू किया जाए।