हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इसे ‘देवों के देव महादेव’ का प्रिय समय माना जाता है। सावन मास में शिव की उपासना, पूजा, व्रत और मंत्र जाप करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस माह में सच्चे मन से शिव का ध्यान करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
पुराणों और शास्त्रों में उल्लेख है कि सावन के महीने में भगवान शिव के 108 नामों का जाप विशेष रूप से फलदायी होता है। यह नाम न केवल उनके विभिन्न स्वरूपों को दर्शाते हैं, बल्कि इनमें उनकी शक्ति, करुणा, और रक्षक स्वरूप की झलक भी मिलती है। इन नामों में शंकर, रुद्र, नीलकंठ, महेश, त्रिपुरारी, विश्वनाथ, भोलेनाथ, कैलाशपति आदि प्रमुख हैं।
सावन में प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं। इसके साथ ही अगर शिव के 108 नामों का विधिपूर्वक जाप किया जाए, तो माना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, दुखों का अंत होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
इस प्रकार सावन का यह पवित्र समय आत्मशुद्धि, भक्ति और शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर होता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव का स्मरण करने से साधक को दिव्य अनुभव की प्राप्ति होती है।