मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत हो चुकी है। इस विशेष अभियान का उद्देश्य ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई करना है जो धार्मिक वेशभूषा पहनकर लोगों को धोखा देते हैं और उनकी आस्था का शोषण करते हैं।
इस अभियान के पहले ही दिन राज्यभर में कुल 38 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया। सबसे बड़ी कार्रवाई राजधानी देहरादून में हुई, जहां पुलिस ने 25 ऐसे बाबाओं को हिरासत में लिया। वहीं, धार्मिक नगरी हरिद्वार में 13 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया। हैरानी की बात यह रही कि देहरादून में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जो वेश बदलकर छिपा हुआ था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए 20 से अधिक व्यक्ति उत्तराखंड के निवासी नहीं हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और असम सहित कई अन्य राज्यों से आए हुए हैं। ये सभी लोग अलग-अलग स्थानों पर बाबाओं के रूप में रह रहे थे। पुलिस द्वारा दस्तावेज मांगे जाने पर वे वैध पहचान पत्र भी प्रस्तुत नहीं कर सके।
सरकार की यह पहल राज्य में बढ़ते फर्जी बाबाओं के प्रभाव को रोकने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में आस्था के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।