झारखंड में हुए शराब घोटाला मामले में एसीबी की ओर से जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई वह यह बताने के लिए प्रर्याप्त है कि ₹ 38.44 करोड़ के घोटाले के लिए केवल और केवल अधिकारी जिम्मेदार हैं।
एसीबी की ओर से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित 13 लोगों पर नामजद एफआईआर कराया गया है। एफआईआर में जिस तरह की बात बताई गई है, उससे यह साफ होता है कि अधिकारियों ने जानबूझकर इस करोड़ों के घोटाले को होने दिया है।